Friday, April 25, 2008

तू प्यार का सागर है

गीतकार: शैलेन्द्र , गायक: मन्ना डे, संगीतकार: शंकर जयकिशन, फिल्म: सीमा - 1955

तू प्यार का सागर है
तेरी इक बूँद के प्यासे हम
लौटा जो दिया तुमने, चले जायेंगे जहाँ से हम
तू प्यार का सागर है ...

घायल मन का, पागल पंछी उड़ने को बेक़रार
पंख हैं कोमल, आँख है धुँधली, जाना है सागर पार
जाना है सागर पार
अब तू हि इसे समझा, राह भूले थे कहान से हम
तू प्यार का सागर है ...

इधर झूमती गाये ज़िंदगी, उधर है मौत खड़ी
कोई क्या जाने कहाँ है सीमा, उलझन आन पड़ी
उलझन आन पड़ी
कानों में ज़रा कह दे, कि आये कौन दिशा से हम
तू प्यार का सागर है ...

गाने को ओनलाइन सुनने के लिए निम्न प्ले बटन पर क्लिक करें


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1 comment:

Suneel R. Karmele said...

आनन्‍द भाई मज़ा आ गया, यह मेरा बहुत ही पसंदीदा गीत है, जब भी इसे सुनता हूँ भावि‍वभोर हो जाता हूँ

Suneel R Karmele, Indore.
suneelrkarmele.blogspot.com