बरसता है जो आँखों से वो सावन याद करता है
बेदर्दी बालमा...
कभी हम साथ गुज़रे जिन सजीली रहगुज़ारों से
फ़िज़ा के भेस में गिरते हैं अब पत्ते चनारों से
ये राहें याद करती हैं ये गुलशन याद करता है
बेदर्दी बालमा...
कोई झोंका हवा का जब मेरा आँचल उड़ाता है
गुमाँ होता है जैसे तू मेरा दामन हिलाता है
कभी चूमा था जो तूने वो दामन याद करता है
बेदर्दी बालमा...
वो ही हैं झील के मंदर वो ही किरनों कि बरसातें
जहाँ हम तुम किया करते थे पहरों प्यार की बातें
तुझे इस झील का ख़ामोश दरपन याद करता है
बेदर्दी बालमा...
गाने को डाऊनलोड करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें।
No comments:
Post a Comment